विजय दशमी – जीत का जश्न Oct 3, 2022 Deepanshu Giri 21 Comments Share on To read this article in English – Click Hereविजय दशमी एक ऐसा त्योहार है जिसे हम भगवान श्री राम की विजय के उपलक्ष्य में उत्साह से मनाते हैं और मुझे लगता है मानना भी चाहिए क्योंकि इसमे सिर्फ श्री राम की जीत नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति विशेष की जीत है जो अहंकार, अन्याय और दंभ के विरुद्ध लड़ा है। यह जीत धर्म की है। लंकापति रावण जिसके सामने प्रतिद्वंद्वी का ठहर पाना असंभव था, एक ऐसा योद्धा जिसके हंसने मात्र से स्त्रियों के गर्भ गिर जाते थे, जिससे देवता भी डरते हो, उसके पास किसी अस्त्र-शस्त्र की कमी नहीं थी। उस रावण के सामने थे भगवान राम। सरल मर्यादा पुरुषोत्तम राम- जिनके पास ना कोई रथ था, ना कोई दिव्य अस्त्र, बस था तो सिर्फ सत्य और धर्म का प्रकाश।जिस व्यक्ति के काम में इमानदारी हो और इरादे नेक हो तो उसे रावण भी कैसे रोक सकता है। कहां श्री राम जंगल में भी चैन से भगवान के आसरे सो गए तो वही रावण जानता था कि श्री राम के हाथों उसकी हार सुनिश्चित है इसलिए सोने के महल में भी उसकी नींद उड़ गई।निर्भय और सत्य की पताका लिए चलने वाला व्यक्ति ही ऐसा कोई कार्य कर सकता है जो कई सदियों तक याद रखा जा सके। जिसके पास सत्य होता है उसके पास कोई भय, डर या चिंता ज्यादा देर नहीं ठहरती। वैसे हम सब के अंदर कोई न कोई भय जरूर व्याप्त होता है और ये डर ही हमे अपनी सबसे बड़ी उड़ान भरने से रोकता है क्योंकि हम डरते है -समाज मे बेइज्जत होने से, हम डरते है कुछ खोने से, हम डरते है किसी के नाराज होने से, हम वैसे ही दिखना चाहते हैं जैसे समाज चाहता है । इसलिए हम एक नकली व्यक्तित्व ओढ़ लेते हैं और भूल जाते हैं कि वास्तव में हम हैं कौन। और ऐसे में हमारा असली व्यक्तित्व कहीं खो जाता है।जो लोग समाज में महान बने हैं वो ऐसे ही नहीं बने उन्हें भी प्रतिरोध सहना पड़ा। पहले अपनों से और फिर सारी दुनिया से। उन्होंने किसी और के लिए खुद को नहीं बदला और उन्होंने सबसे पहले खुद को ही स्वीकार किया।हम कई बार अपने दुख को इतना प्यार करते है कि हम उसे खोना ही नहीं चाहते। बल्कि हम उन लोगों को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते है जो हमको दुख, अपमान, घृणा देते है । क्या आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा नहीं करते ? अगर हां, तो इस पर फिर से विचार कीजिए। यकीन मानिए आपको दिन भर आपके शुभचिंतक याद आए या नहीं आए लेकिन वो व्यक्ति जिसने आपको डर और दुख दिया है जरूर याद आता है। जिस डर को आपने पल-पल पाला है आखिर उससे आप यूं ही अलग कहां हो पाएँगे। और यही वह डर है जिसकी वजह से आपको अर्थराइटिस, डिमेंशिया जैसे कितने रोग होने वाले है । डर की वजह से ही ठीक से मूत्र त्यागने में परेशानी होती है और फिर यह ऐसिड धीरे-धीरे शरीर में जमा होने लगता है और आपके यूरिक ऐसिड को बढ़ाता है और फिर कुछ सालों मे आपको कई गंभीर बीमारियां घेर लेती है ।इस विजयादशमी पर जब भगवान राम का सामना रावण से होगा, तो मैं चाहता हूं कि आपके दिल, दिमाग और आत्मा में अगर कोई भय घर किए बैठा है तो वो जीवन भर के लिए खत्म हो जाए। इस डर को दूर करने का एक उपाय है जो भगवान श्री राम ने खुद भी किया था-देवी दुर्गा की प्रार्थना। भगवान राम ने भी अंतिम युद्ध से पहले देवी को 108 नीला कमल अर्पित कर देवी से प्रार्थना की थी।एक उपाय यह करें कि सुबह 10 दीए लें और अपने घर की दसों दिशाओं में एक घी का दीया जलाएं और हर दीए में एक बादाम को ढककर रखें और दीया जलाकर देवी सूक्तम का पाठ करें। उन दस स्थानों में आठ दीए तो 8 दिशाओं में रखें, एक अपने घर के मंदिर में और एक घर के ठीक सेंटर यानि कि मध्य में। और दीया जलाते समय यदि संभव हो तो परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर देवी से शांति, समृद्धि और अंधकार पर जीत की कामना करें। आप सभी को विजयादशमी की बहुत बहुत बधाई !
Madan Mohan Hasija October 3, 2022 at 2:56 pm Thanks for sharing Sir. On every festival occasion, we eagerly await your post. With regards reply to comment →
Pushplata Jaiswal October 3, 2022 at 2:35 pm Thank you so much Sir!🙏 Wishing you a very happy Vijaya Adami to you all.🙏🌺🙏 reply to comment →
Sthanakiya Megh October 3, 2022 at 2:51 pm Deepanshu Giriji you are always enlightening our life with your knowledge and this knowledge itself is a win over evil or darkness.You don’t how overwhelmed I am since last 18 months ❤ reply to comment →
Suresh kumar sharma October 3, 2022 at 4:57 pm Thanks for sharing & will forward to , relatives and friends. reply to comment →
Namrata October 3, 2022 at 5:09 pm Very nice article Sir with full of wisdom 🙏✨ Happy Dussehra to you n ur fmly. 🎉 Gratitude to you. reply to comment →
An ardent follower October 3, 2022 at 5:49 pm हिंदी पाठको के लिए बादाम को ढक कर नही रखना , बल्कि साबुत बादाम को घी के दिए में डाल देना है एडमिन ,कृपया हिंदी अनुवाद पर ध्यान दें reply to comment →
Manik verma October 4, 2022 at 8:44 am नमस्कार सर् विजयदशमी की शुभकामनाओं के साथ अपने ज्ञान रुपी सागर से एक और अनमोल मोती देने की लिए हृदय से आभार reply to comment →
Sam October 4, 2022 at 8:55 am Hi sir, thankyou for the remedy and your knowledge sharing. I have one quick question. You mentioned to cover the almonds and put in the diya. How are we covering it ?? Is it in a cloth or in a piece of leaf. I appreciate your knowledge and support and thankyou from all my heart for helping us out. Hari Krishna reply to comment →
Chetan Surwade October 4, 2022 at 7:15 pm आप से एक अनुरोध है, कृपया भाषा में उर्दू या फारसी के शब्दों का उपयोग न करे। विजयदशमी की हार्दिक शुभेक्षा गुरुवर 🙏 reply to comment →
caviness October 24, 2022 at 8:39 am Thіs article is really a pleasant one it assists new tһe web սsers, who are wishing for blogging. reply to comment →
nauseum October 24, 2022 at 9:46 am Hi, i tһink that i saw you visited my website thus i came to go back the favor?.I am trying to in finding issues to enhance my web site!I assume its gooԁ enough to make uѕe of a fеw of your ideas!! reply to comment →
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